Wednesday, January 18, 2017

बारी समाजाचा इतिहास व माहिती

बारींना सूर्यवंशी बारी म्हणून ओळखले जाते.

वीर शिरोमणी रूपान बारी

बारी समाज का इतिहास...!            वीर शीरोमनी रूपान बारी 


 बारी समुदाय का नामकरण संस्कृत शब्द के वारि से लिया गया है, जिसका अर्थ पानी होता है। पौराणिक कथाओ मे बारी को सारस्वत पण्डित के रूप मे भगवान श्री राम के समय मे जाना जाता था जो उनके लिये भोजन बनाया करते थे।बदलते सामाजिक परिवेष मे बारी सिसोदिया राजपूत समाज मे शामिल हो गये जो भारत के मध्य युग मे राजपूत जाति के रूप मे जाने जाते थे, राजपूत बारी का इतिहास युद्व के मैदान मे अपने राजा के लिये बलिदान हो गये. उस समय आल्हा उदल की सेना के प्रसिध्य सेना नायक के रूप मे बारी के नाम का उल्लेख है। रूपन बारी आल्हा उदल की सेना के प्रसिध्य सेना नायक थे। दक्षिणी उत्तर प्रदेश मे प्रसिध्य लोकगीत आल्हा मे रूपन बारी के सहयोगियो के मारे जाने के डर से बारी जाति के लोगो को बहुत वर्षो तक जंगलो मे रहकर अपना जीवन बिताना पड़ा, उस समय बारी अपने जीविका को चलाने के लिये पत्तल बनाने का व्यवसाय शुरू किया था |